— शिक्षक शिक्षिका को विद्यालय आने में हुई भारी कठिनाई
— विभागीय निर्देशक से शिक्षकों के साथ परिजन भी परेशान
: अवनि मिश्रा बबलू
समस्तीपुर । विद्यालयो में होली पर्व का अवकाश सोमवार को नहीं होने के कारण प्रखंड के अधिकांश शिक्षक शिक्षिका को विद्यालय आने जाने में कठिनायों का सामना करना पड़ा। विद्यालय जाने के क्रम में ही जहां तहां चौक चौराहों पर होली खेल रहे लोगों कई टोली ने कई शिक्षकों को तो रंगों से सराबोर कर दिया। उसी स्थिति में उन्हें विद्यालय जाना पड़ा। रविवार को हुए होलिका दहन के बाद सोमवार व मंगलवार का होली पर्व मनाए गया, जिसमें सोमवार का दिन होली से सराबोर रहा। रंग गुलाल से रंगीन दिन में सन्नाटे पड़े चौक चौराहों व सड़कों पर इक्का-दुक्का वाहनों के आवागमन शिक्षकों के परेशानी का शबाब बना। उसमें भी दूर दराज से आने वाले शिक्षक को परेशानी हुई। अकेले किसी सार्वजनिक सबारी से विद्यालय आने वाले शिक्षिका के संबंध में तो बताया गया कि डरें सहते पहुंची। अधिकतर विद्यालय में शिक्षक तो उपस्थित हुए पर बच्चे नदारद थे। गांव, पंचायत या आसपास रहनेवाले शिक्षक शिक्षिकाओं को तो होली के रंग से रंगे माहौल में विद्यालय जाने में खीझ तो आ रही थी, पर आवागमन में अधिक कठिनाई नहीं होने का संतोष था। कुछ शिक्षक शिक्षिकाओं ने बताया कि विभागीय द्वारा दी जा रही तरह तरह के निर्देशक से उसके परिजन भी परेशान हैं। स्कूली बच्चों के अभिभावकों के साथ समाजिक रूप से भी शिक्षा विभाग द्वारा होली के दिन सोमवार को विद्यालय खुला रखने के निर्णय पर चर्चा बना रहा। बिहार पंचायत नगर शिक्षक संघ (मूल) के जिला उपाध्यक्ष सह उजियारपुर के सुपौल गांव में कार्यरत शिक्षक राम वालक राय ने कहा कि शिक्षा विभाग की परेशान करने वाली तुगलकी फरमान पर विपरीत परिस्थिति भी शिक्षकों विद्यालय आएं। इसकी निन्दा करते हुए उन्होंने परंपरा व संस्कृति पर चोट पहुंचाने वाली निर्णय बताया। बिहार पंचायत नगर शिक्षक संघ के उजियारपुर प्रखंड अध्यक्ष अमरनाथ चौधरी ने होली के दिन विद्यालय खुला रखने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।